My Spiritual Poem..!!
जब फुरसत मिले चाँद से मेरे
दर्द की कहानी जान लेना,
सिर्फ एक वो ही मेरा हमराज
तेरे जाने के बाद जान लेना,
न लफ़्ज़ों से बहता है लहू
न किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह वै
दोनों ही बेजुबान जान लेना,
जान जाएगी जान तेरी यादमें
वफ़ा का सिला जफ़ा जान लेना
इश्क-ए-मिजाजी महदूद सांसो तक
इश्क-ए-हकिकी तो ला-महदूद जान ..!
इशक-ए-मिजाजी = love to human beings
इश्क-ए-हकिकी = love to Almighty
-Rooh The Spiritual Power