अपनों से कुछ अपनी बातें
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जब मैंने आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश किया तो उस समय मेरे मन में एक सवाल था कि क्या सच में सिद्धियां होती है ....क्या सच में शक्तियों के दर्शन किये जा सकते है ..मेरी यह ईच्छा इतना प्रबल हो गई समय के साथ की मैं आध्यात्म के रहस्य को खोजने के लिए यात्रा पर निकल गया ...अनेक साधू-संतों,अघोरियों,योगियों,तपस्वियों से मिला ..उनमें से कुछ ढोंगी थे तो कुछ सिद्धियों से सम्पन्न थे । उन सबसे मिले ज्ञान को मैं आप सब तक पहुंचाने के लिए अपने उपन्यासों और कहानियों के माध्यम प्रयास कर रहा हूं।
लेखनशाली और साहित्य का मुझे उतना ज्ञान तो नहीं है और ना ही मैं ज्यादा -पढ़ा लिखा हूं...मैं सिर्फ दसवीं पास हूं ...पर जो कुछ लिखता हूं वो सब मेरे दिल के शब्द है और जो कुछ मैं एक अलग दुनिया की कल्पना करता हूं ..उस कल्पना को शब्दों का रूप देकर लिखता हूं।
मेरा प्रयास सदैव यही रहा कि आप सबके लिए मैं कुछ अच्छा लिख पाऊं जो आप सबको पसंद आ जायें। हिंदी साहित्य के बारे में मुझे उतना ज्ञान तो नहीं पर आध्यात्म के विषय मुझे ज्ञान है..क्योंकि उन सब पर मैंने अनुभव किये है।
और अपने अनुभवों को आप सबसे मैं समय -समय पर साझा करता रहूंगा।
आप सबका अपना
निखिल ठाकुर