‼️ मेरी जिन्दगी हो तुम ‼️
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मेरी सांसों में बसी , मेरी जिन्दगी हो तुम !
पास मेरे रहकर ,कहीं बदल ना जाना तुम!!
मिलकर तुमसे ,खुद को पाया है मैंने।
अपने हर अक्स में, मौजूद तुम्हें पाया है मैंने!!
छुपा लूं अपने दिल में तुम्हें!
कि कहीं तुम खो ना जाना!!
मेरी जिन्दगी हो तुम, कहीं तुम बदल ना जाना!!
आओ मिलकर अपने, ख्बाबों की दुनिया बसाये हम
उम्रभर साथ रहने का, वादा करें अब हम!!
कभी ना टूटे ये रिश्ता हमारा!
ऐसा वादा करें एक-दूसरे अब हम!!
मेरी जिन्दगी हो तुम!
कहीं तुम बदल ना जाना!!
जन्म-जन्म तक साथ, रहने का वादा करें हम!
जो कभी टूटे ऐसे,अटूट बन्धन में बंधे हम!!
बस ऐसा अटूट वादा ,तुम मेरे साथ निभा जाना!
मेरी जिन्दगी हो तुम,कहीं तुम बदल ना जाना!!
निखिल ठाकुर
-निखिल ठाकुर