*मुरली मनोहर*
मुरली, मनोहर, घनश्याम
ले, लो, मन से उसका नाम
माटी की काया न रहे
पर आत्मा में रहे, उसका नाम
कभी कहलो, कृष्णा
कभी गोविंदा, कभी नटवर
वो करता सभी का उद्धार
मुरली मनोहर.....
मनमोहन मुरारी,
सांवली सुरतिया प्यारी
जग कहे कान्हां
तेरी महिमा न्यारी
मोर पंख मुकुट धारी
सांस, सांस के नामधारी
हर दुःख दूर करे,
श्यामल सूरत
जग प्यारी
मुरली, मनोहर......
जग की तुम हो आशा
दूर करो, जीवन निराशा
ग्वाला बन सबके पालनहार
चंचल चितवन में,जग द्वार
सुदामा के चावल, रहे निहार
मुरली,मनोहर...
तीनों लोको के तुम स्वामी
हो तुम अंतर्यामी
सुनलो पुकार
अचला हुई, फिर बीमार
तांडव दिखाता, हर कोई बन कंस
जिसे देखो, सर्प बन लेता डंस
जग गया भूल, तेरी बांसुरी
सब शक्तिया बनी, आसुरी
न रख भक्तों से अब दुरी
लो अब, फिर अवतार
अब तेरे हाथ में जग-पतवार
मुरली, मनोहर .....
✍️ कमल भंसाली