तेरे जाने की खबर सुन,
बादल तड़प कर उमड़ा,
फिर...घनघोर घटा छाई,
बिजली ज़ोरो से चमक कर,
देने लगी दुहाई।
फिसल गये अनिल रेत की तरह,
अन्त में बारिश ने की हौसला-अफजाई,
बेबाक रोते हुए बादलों को देख,
मेरे नैनों ने भी आंसूओं के साथ
कि बिदाई की रस्म अदाई।
-Suneeta Gond