शीर्षक: दोस्तों, आप सभी के लिए
दोस्ती, खास दिन की नहीं, दिल की मौहताज होती
सच्ची दोस्ती, हर अंधेरे में, आशाओं की धूप होती
मकसद न रखे, तो दोस्ती हर रोज फलती फूलती
स्वार्थ के गलियारों में भी, मायूस होकर साथ देती
जिन्हें सच्चे दोस्त मिले, उन्हें कृष्ण की नहीं है तलाश
सुदामा बनना नहीं आसान, प्रेम की अगर नहीं प्यास
गलतफहमियों की जब भी बहे, कोई नाजुक बहार
तो मेरे दोस्तों गले मिल कर कहो, कैसे हो मेरे यार !
अर्पण कर दे जो दोस्त, सब कुछ, दोस्ती के नाम
निभाये हर राह में, न करे शक, न ही करे बदनाम
दोस्ती है जीवन की शान, हर दोस्त को आज सलाम
दोस्ती सदा अमर रहे,"कमल" कहे हर दिन हर शाम
समय बदले, मौसम बदले, बदल जाये अगर नसीब
गरुर न करे कोई दोस्त, रहे सुख दुःख में सदा करीब
कृष्ण समझ कभी भी नहीं कहे, सुदामा तूं है गरीब
चावल की कीमत जो समंझे, वो दोस्ती का है नसीब
✍️ कमल भंसाली