शीर्षक: मेरे हमसफ़र
तुम्हारा हाथ, चूमकर
शुरु हुआ है, एक सफर
तुम आये, बन कर, बहार
दिल हुआ था , बेकरार
आज भी, जब तुम मुस्कराते
पल को, स्वयं को भूल जाते
तेरे चेहरे से, कुछ हंसी चुराते
चाहत के, ये अफसाने लिखते
लब तुम्हारे, जब थरथराते
कलियों से, गुल निकल आते
आलिंगन में, झरने बह जाते
हसीन पल, लहर बन इतराते
तन्हाइयों में, यादें छोड़ जाते
न होने का, अहसास दे जाते
प्रेम की रस्मों को, निभा जाते
ह्रदय में "कमल" खिला जाते
✍️ कमल भंसाली
-Kamal Bhansali