कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जाए
बिछड़ भी जाएँ तो हाथों में हाथ रह जाए
मैं सो रहा हूँ तिरे ख़्वाब देखने के लिए
ये आरज़ू है कि आँखों में रात रह जाए
मैं डूब जाऊँ समुंदर की तेज़ लहरों में
किनारे रखी हुई काएनात रह जाए
मुझ को समेटे कोई ज़माने तक
बिखर के चारों तरफ़ मेरी ज़ात रह जाए
-Het