( बाल्य - रैप - गीत )
पायलट ही बनूँगा
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जन्मदिन था मेरा,
गिफ़्ट में मुझको
पापा ने दिया था।
वीडियो गेम,
मैं खुश नहीं था।
पापा बोले -
तू क्या चाहे ?
मुझे बस चाहिए
हवाई जहाज।
लाकर दे दिया
वह भी मुझे।
यहाँ उड़ाया
वहाँ उड़ाया
मैंने जहाज।
दौड़ा लेकर
यहाँ से वहाँ।
बड़ा हुआ हूँ
जब से मैं।
दादी बोलें,
इंजीनियर बन।
दादा बोलते,
कमिश्नर बन।
दीदी बोलें,
एक्टर बन।
मम्मी बोलें,
डॉक्टर बन।
पापा बोलें,
कुछ भी बन।
टीचर बोलतीं,
जो चाहे बन।
मैं ये बनूँ
वो बनूँ।
अरे! मैं बनूँ
तो क्या बनूँ ????
क्या बनूँ, क्या बनूँ ?
मैं तो बनूँगा
केवल पायलट।
लेकर उड़ जाऊँ
सबको आकाश।
बादलों के ऊपर
सैर कराऊँ ।
दुनिया घुमाऊँ
दादा दादी को।
मम्मी पापा दीदी
और टीचर को।
देश रक्षा की
बात जब आए।
छाताधारी बन
लगाऊँ छलाँग।
घुसकर दुश्मन
के खेमें में।
मार गिराऊँ
दुश्मन को भी।
फिर फ़र्राटे से
लूँ उड़ान ।
वापिस आ जाऊँ
लौट फिर।
गर्व से अपने
भारतवर्ष।
इसलिए मैं
पायलट ही बनूँगा।
मैं तो अब
पायलट ही बनूँगा।।।।
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अभिव्यक्ति व फ़ोटो -
प्रमिला कौशिक
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