शीर्षक: प्यार का सावन
सदियां बीती, प्यार रहा सदा पावन
नैनों में जिसने बसाया, वहीं सावन
प्यार को नहीं चाहत, कसमें, वादों की
हमराही जो बनते, बात करते इरादों की
बादल बन जो प्यार करे, वो रहता, अधूरा
छिटक जाएंगे, भिगो देंगे,आंसुओं से चेहरा
रिश्तों के बंधन में, प्यार सूरजमुखी हो खिलता
एक दिलाशा मात्र से, जीवन भर साथ निभाता
जो प्यार अनजान हो, अजनबी की तरह आता
अपनी चाहत को, हसरतों के पलड़ो पर तोलता
प्यार सदा प्यार रहें, अस्तित्व के सब अधिकार रहे
तो दावा करता प्यार, सदा रिमझिम करता, सावन रहे
✍️ कमल भंसाली
-Kamal Bhansali