विरासत अगर मेरी नही है तो तेरी भी नही है प्यारे
छोड़ कर ये सहर एक दिन सब चले जायेंगे
क्या राजा क्या रंक फकीर
क्या प्यादा क्या वजीर
दो गज की मिल्कियत है अपनी
वो भी यकीन नही हमको
की किस दिशा में कौन सी दशा में होंगे यहां से जाने के बाद
सब नजर का खेल है प्यारे
बंद करते ही अंधेरा हो जाता है
पता नही तुम किस खयाल में हो
-Anand Tripathi