है एक सबसे खूबसूरत रिश्ता ,
जो रहता है अक्सर गुमशुदा ,
दुनिया माने मां को है,
पर हर मां के पीछे होता है पिता ।।
करते अपने हर सुख का बलिदान ,
हर दुख में लिखते अपना नाम ,
एक उफ्फ तक ना करते उम्र भर,
बनाते हर बाघ को गुलिस्तान ।।
अपने कर्तव्यों को जाने जो,
हर संकट में सबसे आगे जो,
है बस वो एक पिता ,
बनाए हर पत्थर को मोती जो ।।
जिसकी उंगली पकड़ चलना सीखे,
जिसके कंधे पे बैठ, दुनिया देखे,
आज देते है उनको एक उपहार ,
चलो मनाएं उनका त्योहार
चलो मनाएं उनका त्योहार ।।।
~ रोहित किशोर