ख्वाब का एक मंजर है
दिल में एक खंजर है
चाहा तुमसे कि थी कभी
अब हर तरफ बंजर है
ना कोई अपना इस जहां में
अपने आप में एक समंदर है
अब शमा का पता नही
पर हवा का बवंडर हैं
बजंर सी सुखी इस भंवर मे
हरीयाली सी जमी सफर है
आपका मेरी कहानी में
शायद कुछ युही वर्णन हैं
-Maya