जब जब स्त्री ने पिता से प्यार किया
दुनियां ने उसे "आदर्श बेटी" कहा.
जब जब भाई से प्यार किया
"प्यारी बहन" कहा.
जब जब पति से प्यार किया "संस्कारी बहू" कहा.
अपने बेटे से प्यार किया तो
"ममता की मूरत" कहा.
लेकिन 'स्त्री' ने जब जब सिर्फ एक 'पुरुष' से प्यार किया,
तो इस दुनियां ने उसे "चरित्रहीन" कहा.
'स्त्री' के लिए एक 'पुरुष' सिर्फ...
पिता,पति भाई या बेटा ही हो सकता है...
क्या एक पुरुष और स्त्री...
अच्छे दोस्त नहीं हो सकते.
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