मैं और मेरे अह्सास
बाद मुद्दतों के मुझे याद कर के l
तेरा फोन करना सपना लगता है ll
बर्षों बीत गये जुदा हुए, फ़िर मेरा l
शायरी मे ज़िक्र न्यारा लगता है ll
दिन रात ख्वाबो मे सजा रखा है l
प्यारी आँखों मे सच्चा लगता है ll
हमने खुद की दुनिया बसाई हुईं है l
उस आसमाँ का सितारा लगता है ll
दर्शिता