☀️💥हर पड़ाव अति आवश्यक!!💥☀️
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जिस प्रकार जीवन में तीन पड़ाव होते हैं ।
बचपन जवानी और बुढ़ापा
जब जवानी आती है तो बचपन छूट जाता है ।
बचपन के साथ साथ दायित्व भी बदल जाते हैं ।
और जब हम बुजुर्ग हो जाते हैं तो
जवानी और जवानी वाले काम भी छुट जाते हैं ।
जिस प्रकार
जवानी में बचपन वाले काम अच्छे नहीं लगते हैं ,
बुजुर्ग बनने के बाद जवानी वाले काम भी अच्छे नहीं लगते हैं ।
हर पद का अपना अलग महत्व होता है ।
अगर हम मैनेजर बनने के बाद काम चपरासी या क्लर्क वाला करें तो कौन हमारी प्रशंसा करेगा ।
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इसी प्रकार
किसी भी लड़की के जीवन में तीन पद होते हैं ।
*बेटी* *बहू* और *सास*
जब कोई लड़की बहू बनती है तो
उसका प्रमोशन होकर ट्रांसफर हो जाता है ।
इसके साथ साथ बचपन की तरह रिश्तें भी बदल जाते हैं ।
रिश्ते बदलने के साथ साथ कर्तव्य भी बदल जाते हैं ।
जैसे अगली क्लास में आने के बाद सलेब्स भी बदल जाता है ।
ऐसे ही , बहू बनने के बाद सलेब्स बदल जाता है ।
तीसरा पद होता है सास का ,सास बनने के बाद बहू वाला सलेब्स छुटना चाहिए और जो हमने जीवन में पाया है ।
परिवार को लौटाना चाहिए और अपना अनुभव सभी को बांटना चाहिए ।
लेकिन आज कल की बेटियां प्रमोशन तो चाहती है लेकिन ना तो ट्रांसफर चाहती है और ना सलेब्स बदलता है ।
जैसे कोई सरकारी कर्मचारी ट्रांसफर से बचने के लिए तमाम उम्र एक ही शहर में क्लर्क बनकर गुजार देता है ।
ऐसे ही आजकल की लड़कियां ट्रांसफर से बचने के लिए तमाम उम्र बेटी बनकर अपने माता-पिता के घर में रहकर गुजारना चाहती है ।
जो कि जीवन के विकास को अवरूद्ध कर देता है और जीवन धरातल में चला जाता है ।
क्योंकि, जीवन किसी एक मंजिल पर रुक नहीं सकता , हर एक मुकाम को गले से लगाकर जीना चाहिए ।
🌷🌿◆● जय श्री राधे सरकार●◆🌿🌷
🌷🌿◆●●●●सुप्रभातम ●●●●◆🌿🌷
🌷🌿[[ आर्यवर्त ]]🌿🌷
फ़ोटो क्रेडिट ~ योर कोटे सोर्स
संकलन एवं रचनाकार ~ गौतम कोठारी "आर्यवर्त" ©®
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