☀️💥हर शहर सन्नाटे में क्यो??💥☀️
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[[ व्यंग्यात्मक हाइकु माला ]]
हर शहर
इतने सन्नाटे में
आज क्यों है...!!
क्यों बंद है
खिड़की दरवाजे
बंद दुकानें..!!
क्यों हवाएं
विशुध्द चल रही
है ये जहाँ में..!!
अस्पतालों में
आज पलंग नहीं
मिल रहा है..!!
दर्दी का अब
इलाज रिक्शा गाड़ी
में हो रहा है..!!
शुद्ध हवा के
लिए आज इंसान
मर रहा है..!!
मानवता को
छोड़ कालाबाजारी
में व्यस्त है..!!
कुछ हैवानों
नकली वैक्सीन
में व्यस्त है..!!
मानव के ये
जीवन का मूल्य
शून्य हो गया..!!
कोई बाप को
खो रहा है, कोई
अपनी माँ को..!!
कोई अपने
बन्धु खो रहा है,तो
कोई मित्र को..!!
कोई घर में
तो बच्चे ही जिंदा है
बड़े कोई ना...!!
कई चौखटे
किलकारियां से जो
सदा गूंजती..!!
आज बिल्कुल
सन्नाटा छा गया है
ताले से बंध..!!
यहां मातम
क्यों हर कोई ही
मना रहा है..!!
बड़ा ही दुखी
आजका ये मनुष्य
बड़ा लाचार..!!
दवा के लिए
भी लगा लाइन में
है इंतज़ार..!!
हवा के लिए
भी श्वास थामे हुए
है लाइन में..!!
पलंग की वो
राह में बिना जांच
अर्थीसवार..!!
क्यों लगी है
लाइन श्मशानों में
आज लाशों की..!!
यहां अपनो
को क्यों हर कोई
जला रहा है..!!
क्यों इंसान
इंसान को नोंच के
खा यू रहा है..!!
जाने अब तो
संसार में क्या है
होने जा रहा..!!
समजो अब
संसार का अंत ही
पास आ गया..!!
#आर्यवर्त
#आर्यवर्त