कुछ दिन और ठहर जाओ बाबा,
यू ना अचानक जाओ बाबा,
किसके नाम पे तेरे घर आऊंगी शहजादी कहलाऊंगी,
अपनी गुड़िया को अकेला ना कर जाओ बाबा,
तेरे गुस्से भरे लहजे को भी तरसी हूँ बहुत,
अपनी पारी को कुछ तो सुनाओ बाबा,
तुम जो थे, था ना कोई करीब दर्द मेरे,
मुझको पहले अकेले रहना सीखाओ बाबा,
राह तेरी तकता रहेगा दिल उम्र भर वर्ना,
दिल नहीं मान रहा दिल को यकीन दिलाओ बाबा,
अगर अब फैसला यही है कुदरत का,
तो मुझको भी साथ ले जाओ बाबा,
कुछ दिन और ठहर जाओ बाबा,
यू ना अचानक जाओ बाबा।
I miss u abbu