मन की बात...
लिखो अपने मन की बात...
सोचो अपने मन की बात...
बोलो अपने मन की बात...
खोलो अपने मन की बात...
दिखाओ अपने मन की बात...
सुनाओ अपने मन की बात...
मन की बात मन मे ना रह जाए,
हम बोलना चाहे कुछ पर जुबां से कुछ और निकल जाए।
तुम ढूंढ लो जीवन के हर उस मुलाकात को,
सुकून दे जो दिल को हर उस बात को।
मिटा दो दुखो की हर वो काली रात....
जिससे निकल सके आसानी से तुम्हारी मन की बात...।।