*मुसाफ़िर*
जो छुट गया है उसे तु छोड़ दे,
अ मुसाफिर तु जिन्दगी को एक नया मोड़ दे!!
पथ अगर भटक गया तो, रास्तें को मोड दे,
रूक मत चलता जा, बाकि रब पर छोड दे!!
कुछ हादसे थे वो हो गये,
कुछ रास्ते थे खो गये,
एक रास्ते को दूसरे रास्ते से जोड दे,
जो छुट गया है उसे तु छोड़ दे,
अ मुसाफिर तु जिन्दगी को एक नया मोड़ दे!!
निरन्तर तु आगे बढ़, भटकना अब छोड़ दे,
रास्ते में जितनी चट्टानें सबको तु तोड़ दे,
रूकावट ना हो कोई,हवा का मुख तु मोड़ दे! !
मन है चन्चल तेरा मन की सुनना छोड़ दे,
जो छुट गया है उसे तु छोड़ दे,
अ मुसाफिर तु जिन्दगी को एक नया मोड़ दे!!
_आनन्द फौगाट
-आनन्द फौगाट