My New Poem ...!!!!
नाराजगी भी एक खूबसूरत
रिश्ता है
जिससे होती है
वह व्यक्ति
दिल और दिमाग
दोनों में छाया रहता है...!!
न चाहते हूएँ भी हमेशा चाहत
बना रेहता है...!!!
ज़हनकी खिड़कियों से
तकते रेहता है ...!!
दिमाग़-औ-दिल में जंग
छेड़ता रेहता है...!!
कभी रुठने कभी मनाने की
मजबूरी से खेलता रहता है.!!
ज़ाहिरी तौर पर तो हंमेशा
ग़ायब रहता है...!!
पर बातिनीँ तौर पर वजूद
अपना जताते रेहता है ...!!
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