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इस पावन बैसाख मास पर ,
मेरे हाइकु-संग्रह *समयांतर* से -
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स्वर्ग से गंगा
बही धरा की ओर
विश्व विभोर
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वीर तपस्वी
जन्मे परशुराम
शौर्य प्रणाम
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महाभारत
दुविधा और दम्भ
कथा आरम्भ
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शुभ मुहूर्त
है अक्षय तृतिया
शंकर प्रिया
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बद्रीनाथ ने
बंद कपाट खोले
जय हो भोले
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दान दक्षिणा
घर में खुशहाली
पूजा की थाली
: नीलम वर्मा
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