कृष्ण
हे कृष्ण जी देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान।
तुम कब आओगे हे कृपा निधान।
संसार में मचा हुआ है हाहाकार ।
आया समय बड़ी भारी है।
संकट में धरती है औ
प्रलयंकारी महामारी है।
रोग व्याधियों से लोग हो गये हैं लाचार।
हे कृष्ण विनती है बारंबार।
दया दृष्टि दिखलाओ हे करुणा निधान।
तेरी महिमा है बड़ी अपरम्पार।
धरती बन गई है श्मशान ।
आकर संसार को बचाओ हे दयानिधान।
प्राणों का दो दान।
अब करो नव निर्माण।
धरा पर दावानल का साम्राज्य है।
धरा पर मलयानिल बसंती बयार का दो वरदान।
कब आओगे कृपा निधान।
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई हे करुणा निधान।
दे दो दे दो अब जीवन दान।
माटी की काया में फूंक दो अब नव प्राण।
धरा और गगन शोलों से दहकते अंगारों में परिवर्तित हो गये हैं।
कृपा की बारिश से शीतल कर दो अब दुनिया जहान।
आओ आओ अब हे
कृष्ण भगवान ।
आराधना स्वीकार करो हे करुणा निधान ।
दीन दुखियों के त्रास हरो हे कृष्ण भगवान।
जन जन में प्रेम भर दो अब जगतगुरु कृष्ण भगवान।
जय श्री कृष्णा तेरे चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।
-Anita Sinha