My Prayerful Poem...!!!
ए प्रभु..!!
हम गुनहगार बंदे ऑसु भरी आँखों से
गिड़गिड़ाती अर्ज़ से प्रार्थना करते हैं
हे महान कृपालु जगत पालनहार हम
तुम से बस तुम से तेरी पनाह माँगते हैं
तुम ही विधाता हो तुम ही अन्नदाता हो
तुम से ही हम रहम-ओ-करम माँगते हैं
आपत्ति जल प्रलय विनाश निर्माण हैं
प्रभु सब बस आप ही के होने के प्रमाण
आप से आप के ही गुनहगार बंदे प्रभु
दया-याचिका व प्रेम-भाव माँगते हैं
कुल जगत-ओ-संसार कठीन पीड़ित
यातनाओं से मुक्ति-ओ-मोक्ष चाहते हैं
ए प्रभुजी एक बेज़ान-से वाईरसने हाल पृथ्वी 🌎 का बेहाल कर मजबूर किया
प्रभुजी गर तुम चाहोगे तो हवा के एक झोंके से इसे नेस्तनाबूद कर सकते हो
प्रभु जी चला दो एसी हवा 💨 कि हम
मानवजाति आपत्ति विपदा से मुक्त हो
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