बीना स्वार्थ से चाहनेवाला कोई इस दुनिया में केसे होता है ,
जिंदा मां से बाते करने वाला तकदीरवाला होता है ,
मां का प्रेम किसी नसीब वालों को मिलता है ,
मां ही वो स्वरूप है जिसकी वजह से चेहरा मेरा खिलता है ,
जन्म से मृत्यु की सफ़र इंसान जिनसे सीखता है ,
ऊपरवाले से कुछ मांगना चाहते नहीं हम क्यूंकि देनेवाला भी अंजान ,
मेरी मां में ही दिखता है ...
-Ashok_Chàvda