में रुठ जाती हूं वो फ़िरभी सताता है..
रो पड़ती हु उसके दूर हो जाने से वो फ़िरभी अपनी हरकतो से बाज़ नही आता है..
मुजे ऑनलाइन इंतजार करवाके खुद चैन से सो जाता है..
जानता है वो ये दिल बिन उसके रेह ही नहीं पता है..
बस.. मेरी इसी बात का वो फायदा उठाता है..
अचानक दिल से एक आवाज़ आई Heer कैसे केह सकती हो तुम बुरा उस इंसान को...
जो तुम्हारे टूट जाने पर वो भी बिखर जाता है..
सताये लाख मगर बिन तेरे वो खुद भी तो नही रेह पाता है..
ये बेपनाह प्यार हि तो है जो तुम दोनों को यू क़रीब ले आता है..
खुशी में वो साथ तेरे होना हो पर तकलीफ़ में सबसे पहले तुजे उसीका चेहरा नज़र आता है..✍
-Heer Jani