मैं और मेरे अह्सास
जूठ ने तेरे हीला दिया l
ग़म का घुट पीला दिया ll
भूलने तेरी बेवफाई को l
जाम मे दर्द मीला दिया ll
बंध आंखो से किया है उस l
अंधे प्यार का सिला दिया ll
जानकर भी अनजान बनते हो l
बेरुखी ने तेरी रुला दिया ll
रूह तक कंप उठीं है आज l
भूकंप की तरह जुला दिया ll
दर्शिता