प्रेम
प्रेम ईश्वरीय वरदान है।
प्रेम भावों की बारिश है।
प्रेम रेगिस्तान में बहार है। प्रेम खुशियों की बरसात है।
प्रेम एक अहसास है।
प्रेम एक खास जजबात है।
प्रेम आधी मुलाकात है।
प्रेम तपते हुए रेगिस्तान में बूंदों की प्यास है।
प्रेम तो गुलाब खास है।
-Anita Sinha