तेरा होना मुझमें, जीने का अंदाज़ सही,
और मेरा तुझमें, होना दिल गुदाज़ सही ।
छु लेती है हवाएं मस्तानी बहार ए आलम,
देखता हूं ख्वाब सच्चा दिलमें नाज़ सही ।
क्यु पुछताछ है, ओस की बूंदें, फूलों पर,
आंखें लाजवाब है,अश्कों भीगी ही सही।
तन्हाई का मंज़र है ,तो क्या हो जाएगा ?
पतझड़ में भी यादें , दिलदार ताज़ा सही।
मिलकर बीछडना, लगा रहता है जिंदगी से
मोती महेबुबा है खूदासे , मिलाती है सही।
-મોહનભાઈ આનંદ