चैती छठ
जय सूर्य नारायण नमोस्तुते।
उग उग हे सूरजमल भईल
जा ताटे अरग के बेर
भईले व्रती के पूजा के बेर।
ठाड़ बाड़ी छठ व्रती जल में कर जोड़।
दर्शन देहू हे सूरजमल कि
होख तावे अबेर।
जोड़े जोड़े सूपवा में नारियल केला प्रसाद
चढाईब हे सूरजमल
कि दुनिया में कर दिह अंजोर।
देहब दूध के अरगिया हो राम कि आ गईले
छठी माई के परविया ना।
मंगयले बानी पियरी धोती आऊर सड़िया हो राम
कि जाईब दंडवते ना
छठी माई के वरतिया त
दूनो व्यक्ति करब हो राम
कि जाईब छठ घाटे ना।
माई के पूजन करब
हो राम।
अंगना में चौका लगईली
ठेकुआ लकड़ी के आग में
छानब ना ,छठ माई के पूजन करब ना।
सात पान , सुपाड़ी,फूल,सेंदूर ,अलती
सात फल ,मेवा बताशा
भर सूपवा में छठी माई के पूजन त करब हो राम।
धूप-दीप और कपूर के आरती सूरजमल के उतारब हो राम कि आ गईले छठी माई के परविया ना।माई के मनावे जाइब ना।
तीन दिन के छठी माई के बरतिया हो राम ।
कांच ही बांस के बहंगिया में प्रसाद सूप हरि छठ घाटे ले जाइब हो राम कि
आ गईले छठ के वरतिया ना।
छठ घाटे ढोल ढाक आऊर बजाईब सात ही बजनवा हो राम।
अंगना में कोसी भराईब हो राम । घर परिवार के लोग मिलि जुलि छठी माई के गाईब गीतिया हजार हो राम।
हे छठी माई मनसा पूरईह
माई कि दियऊ अशीषिया ना
जय जय हे सूर्य नारायण कोटि-कोटि प्रणाम।
-Anita Sinha