पानी अनमोल है।
पानी का मोल पहचानें।
पानी का इस्तेमाल सोच कर करना चाहिए।पानी नहीं तो जिंदगी नहीं है।पानी की बचत करें।
पानी का गिलास छोटा व्यवहार करें। ताकि पानी प्यास के अनुरूप ही पी सकें। पानी प्रकृति की अनुपम देन है। पानी है तो कल है। रसोई घर में भी पानी नल से नहीं बल्कि बाल्टी और मग से व्यवहार करें। कहीं नल टपकता है तो तुरंत ठीक कराएं क्योंकि बूंद बूंद कर ही घड़ा भरता है। पानी हमारे आने वाली पीढ़ी को मिले इसलिए हमें पानी खर्च कम करने होंगे। पानी की बरबादी नहीं करना चाहिए। पानी का उपयोग पौधों को पटाने के लिए करना चाहते हैं तो टोंटीदार बर्तन से करेंगे।
वाहन की साफ सफाई भी बाल्टी और मग से करें।
जलाशयों नदियों में एवं तालाब में कूड़ा करकट नहीं डालें। प्लास्टिक
जलाशयों में न डालें। जल प्रदूषित होगा और संक्रमणों के शिकार हम होंगे। पानी बहुमूल्य है।
पानी के बिना जीवन सूना है। अगर पानी है तो उत्साह दूना है।देश जल संकट से जूझ रहा है।
पानी की बचत करके पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया जाए।
-Anita Sinha