सफर-ए-जिंदगी में कुछ लोग रूठ जाते हैं,कुछ राह छूट जाते हैं..,
तो बिछुड़कर अपने स्वप्नों से कुछ लोग टूट जाते हैं..!
हे ईश्वर मेरे मालिक ये तेरी रहमत ही रही जिसने संजोये रखा मुझे..,
सुना है कि इस शहर में कुछ घड़े तपने से भी फूट जाते हैं..!!
-सनातनी_जितेंद्र मन