एक बात कहूं ,,,,,
कितना सुकून है तुम्हारी चेहरे पर
जैसे बादल बरस कर शांत हो गए हो
इतना ठहराव कहां से लाती हो तुम
कैसे अब भी गुड़ियों से खेलती हो तुम
एक जन्म में जैसे सातों जन्म जी लिया हो तुमने
क्यों इतना प्यार आंखो में भर कर रखती हो
जानती हो तुम्हे देखकर अकेलेपन से इश्क़ हो चला है