माना कि अभी तू नाराज़ हैं मुझसे,
वक्त जो तुम्हें नहीं दे पाती हूं।
पर एक दिन मैं मिलूंगी तुझसे,
यह मेरा वादा है खुद से।
उस दिन मैं तुझे खुलकर जियूंगी,
आकर तुझसे गले लगूंगी।
तब तक के लिए तू मुझे मोहलत दे दें,
बस इतनी सी गुज़ारिश है तुझसे।
ए मेरी जिंदगी...
-Pragya Chandna