एक बात बताओ,,,,,,
"आखिर इस दोहरे चरित्र के साथ तुम जी पाते कैसे हो,,,,
तुम्हारा दर्द समंदर, हमारे दर्द को बस कतरा बता जाते हो,,,,
हर बार तुम ही सही,
सिर्फ गलती हमारी, हर मोड़ पर ,,
देकर सजा हमें,, गलत ना होने पर भी,,,
सामने जमाने के तुम यूँ मुस्करा पाते कैसे हो???
-Khushboo bhardwaj "ranu"