शिक्षा,संस्कार और विचार, जब-जब आता इनमें विकार।
होने लग जाता है बंटाधार...
आओ मिलकर ये काम करें, निज संस्कृति का सम्मान करें।
निज बच्चों को सज्ञान बना, फिर अपने वो स्वाभिमान बनें।
अपने पर यह उपकार करें, कू संस्कृतियों का प्रतिकार करें।
आओ मिलकर संकल्प करें, सब जीवों का संताप हरें।
नित नव नूतन त्योहार मना,हम खुशियों का संचार करें।
आओ ऐसा व्यवहार करें,भारत भुमि से प्यार करें ।
🇮🇳🇮🇳🙏जय हिंद 🙏🇮🇳🇮🇳
-सनातनी_जितेंद्र मन