बहुत दुखद!!!
खेत,,जमीन एक किसान के लिए पूजनीय होती है।।
उसपर लहराती फसल संतान सी प्रिय!!!
अपने हितों के लिए ,, कृषि कानून के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करने का ये क्या तरीका है????
तैयार फसल को बर्बाद कर देने वाला सच्चा किसान हो ही नहीं सकता!!!!
हमने स्वयं खेती नहीं की,, पर जन्म तो किसान परिवार में ही लिया।।
इस नाते बहुत दुख हुआ!!!
-Khushboo bhardwaj "ranu"