बंटवारा
धरती बांटी अंबर बांटा,
बांट दिया जग सारा।
मानव तेरी चाल के आगे,
ईश्वर भी है हारा।
ईश्वर ने तो तुझको बनाया,
खेल यह कैसा तूने रचाया।
अल्लाह कैद किया मस्जिद में,
मंदिर में भगवान् बैठाया।
सूक्ष्म से भी सूक्ष्म है जो-
शक्ति जिसकी विराट अपारा।
मानव तेरी चाल के आगे
ईश्वर भी है हारा।
जाति में समाज को बांटा,
धर्म का डाला कैसा कांटा।
बांट दिये सरहद से मुल्क
नस्लों का भी कर दिया छांटा।
सृष्टिकर्त्ता की सृष्टि का
अजब किया बंटवारा ।
मानव तेरी चाल के आगे,
ईश्वर भी है हारा।
हीर बांटी, रांझे बांटे,
चूल्हे चौके सांझे बांटे।
बांट दिये हैं नदियाँ नाले
चाँद-तारे सारे बांटे।
नहीं बंटा है, नहीं बंटेगा,
अटल सत्य है-वह ध्रुवतारा।
मानव तेरी चाल के आगे
ईश्वर भी है हारा।
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बलदेव राज भारतीय
असगरपुर (यमुनानगर)
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