"मृगला खेत गया चर खाई"
(मृगला मतलब मनुष्य की पांच इंद्रियां)
मृगला खेत गया सब चर खाई...(२)
अब मैं क्या करूं मेरे भाई,
मृगला खेत गया सब चर खाई...(२)
पांच मृगला रहें सदा इस मन माहीं मेरे भाई,
इस बन में है खेत हमारा, वो चरी चरी जाएं।
मृगला खेत गया सब चर खाई...(२)
जांगु तब तो भागी जाए, सोवुं जब फिर से वापस आए,
भीतर पेठ उजाड़ करें, और इनमें मची रहें सदा लड़ाई।
मृगला खेत गया सब चर खाई...(२)
ईश्वर संस्मरण भाला ध्यान तिर को धनुष कमान चढ़ाई,
मुरत सूरत दो साथी आगे, और त्याग की मैंने वाड बनाई।
मृगला खेत गया सब चर खाई...(२)
✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏