हर साल ये जस्न मनाते हैं,
मेरे भारत का त्योहार मनाते हैं।
मिली आजादी हमें मिला अपना वतन,
मिली गुलामी अपने ही सोच की जंजीर में।
आज आन बान और शान से तिरंगा देश में लहराएगा,
आज सब के दिलो में राष्ट्रीयता का रंग लहराएगा।
आज देश के लिए कुछ कर गजरने का जोश भर जाता है,
आज माहौल कुछ ऐसा बनेगा की देश प्रेम की अनुभूति कराता है।
बस हम तो ये सोचे की वतन के लिए कुछ कर सके तो,
देश में एक अनोखा प्रयास कर सके तो मौत भी आ जाए तो कोई गम नहीं।
सरहद पर फौजी तेनात है, देश के हर दरवाजे पर खड़े होकर अपने को हर खतरे से बचाते है,
कोटि कोटि नमन करते हैं हम उन जवान शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
जो अपनी जान दे कर सबको चेन की नींद सुला ने देते हैं।
मेरा मुल्क, मेरा देश, मेरा वतन सारे जहां से अच्छा है।
रूप✍️©
-Rupal Mehta