वो,,,,हवा का सर्द झोंका आया जरा खिड़की से गुजरकर ,,
टूटी नींद झटके से और उठ गई माँ ठंड से सिहरकर ,,
कांपते हाथों से एक तस्वीर अपने सीने से लगाई,,
और बिखर गए कुछ मोती उन बूढ़ी आंखो से निकलकर ,,,
जैसे पूछ रहे हों कि,,
जाने कैसे
जागता होगा बेटा तू सरहद पर वो बर्फ की चादर ओढ़कर!!!
-Khushboo bhardwaj "ranu"