न चाहूं यह रंग बिरंगी जहान ,
आ घुल जाउ सजन तुम्हारे ही रंग !
शायरों की भांति न याद रख पाऊ शब्दकोश ,
मेरी शब्दावली के आरंभ और अंत में लिखा एक तुम्हारा नाम !
मैं परोती माला उन प्रेम की मोतियों की ,
क्यों ना तुम भी बंद जाओ उस डोर में जो ना टूटे कभी !
संसार में अनगिनत संगीत के सुर निराले,
तेरे एहसास में बन बैठी मीरा सी दीवानी जान लुटाने !
Urmi❤