" नववर्ष "
तेरा आगमन सहर्षा आवकार्य अभिलाषा से भरी आश है
नई उम्मीदों का खजाना है खड़े है जोली फैलाए सब
भर दे उमंग के साथ आस्था...
तु आता है हर साल सज संवर नए नए अफ़साने लेकर
नई कल्पना के पंख पर स्वागत है अनुमोदित सर्व मन नववर्ष नवपल्लित है हरकोई...
है उत्साहित हरकोई आज यहां क्षण क्षण प्रतीक्षा तेरे आगमन की क्षण भंगुर समय में तु एक उम्मीद आशा निराशा है सिकके की बाजु पर तु है नई तकदीर सब की...
आया चुपके से नई सुबह लेकर खुश्बू से महेक रही प्रकृति आज
दैदीप्यमान उजास से प्रकाशित कर दे ये नया साल चमकता हदय से अभ्यर्थना है नववर्ष तेरा....
-Shree...Ripal Vyas