*गुजरा हुआ ये साल,*
*कर गया सबको बेहाल।*
*ना कोई जश्न,ना कोई त्योहार,*
*बस घर की वो चार दीवार।*
*कभी लीविंग रुम, बैड रुम कभी*
*यही थी दुनिया, और यहीं थे सभी*
*कभी हाफपेंट,तो कभी ट्रेकपेंट,*
*पहनने मिलाही ना कोट पेंट।*
*ना कोई दोस्त मीला,ना रिश्तेदार*
*बस फोनपे ही हुआ है सबका दीदार।*
*ना कोई खेल,ना कोई स्कूल*
*मुरझा गए हमारे कोमल फुल।*
*पोजिटिव सुनके दिल घबराया,*
*नेगेटिव सुनके मन मुस्कुराया।*
*कई घरों ने इस साल मे,*
*अपने स्वजन को भी गुमाया।*
*खुशियों मे तो चलो जा ना पाये,*
*पर दुख में भी तो साथ निभा ना पाये।*
*हे इश्वर,परमेश्वर, तुझे पुकारा*
*ऐसा साल ना देना दुबारा..।* 😟
*अलविदा २०२०👋*