वक़्त की माला से एक और मोती टूट गिरा
नयी सदी का एक और साल बीत गया
ट्वेंटी ट्वेंटी को हमने विदा कर दिया
इस जुल्मी ने दुनिया को बड़ा दुःख दिया
नए रोग दे कर लाखों जानें छीन लिया
इसकी पीड़ा नए वर्ष में भी भूल न पाएंगे
नए साल में उन्हें भूल कर
क्या हम सही मायने में हर्ष मनाएंगे ( न्यूज़ 18 फोटो )