" आदत हो गई है "
मोहब्बत अब नहीं शायद मगर दिल की आदत हो गई है,
तेरा रास्ता नहीं देखना चाहता देखने की आदत हो गई है।
बहुत दिनों से यह सोचता हूं अब तुझे याद ना करूं,
मगर मेरी दुनिया में अब सिर्फ तेरी यादें ही बाकी है।
कभी बारिशों में हम तुम साथ साथ चलते थे मगर,
अब बारिशों में बरसना हमारी निगाहों की आदत हो गई है।
अब तो ख्वाबों ख्यालों में जिंदगी बसाऐ हुए हैं हम,
हकीकत में "मित्र" जिंदगी जीने की आदत सी हो गई है।
{✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏}