तुम्हारे खामोश लफ्जों की आवाज बन सकती हूं तुम इशारा करके तो देखो,
तुम्हारे सफर में तुम्हारी हमसफर बन सकती हैं तुम साथी बना कर तो देखो।।
शब-ए-जिंदगी में तुम्हारी शब-ए-गुफ्तगू बन सकती हूं
तुम मुझे ख्वाब बना कर तो देखो,
परछाई भी साथ छोड़ देती है एक मोड़ पे,
मैं तुम्हारी रूह बन सकती हूं,
तुम मुझे अपनी जिंदगी बना कर तो देखो।। "SA"
-Shikha