मेरी हर जरूरतों को पूरा किया मेरे पापा ने।
मैने हमारे जैसे किस्मत वाले नही देखे।
हर खुशियो से रूबरू कराया है हमे।
पर उस इंसानने रात की चांदनी और दिन के उजाले नही देखे।
और में हमेशा मांगता रहा नए जूते।
पर कभी भी पापा के पैरों के छाले नही देखे।
Chirag dhanki