अच्छा लगता
छोड़ कर जाना ही था, तो इस ग़लतफ़हमी का सहारा लिए बगैर ही चले जाते तो अच्छा लगता,
लेकिन ज़रा जाने से पहले थोड़ा सच का भी पता लगाते तो अच्छा लगता,
मिलना नामंजूर था समझ आता है.....लेकिन ज़रा सी ही बात थी, फ़ोन पर ही कर जाते तो अच्छा लगता,
वजह कुछ भी हो जाने की लेकिन वजह तुम भी सच बता कर जाते तो अच्छा लगता,
कम से कम दोबारा मिल पाना ना सही लेकिन एक दुसरे से हम बात ही कर पाते तो अच्छा लगता....
खैर छोड़ो तुम्हें जाना ही था ना.... तो कम से कम ये अपने दिए झूठे वादे भी साथ ही ले जाते तो अच्छा लगता,
मर रहे हैँ अब तुम्हारे इन झूठे वादों के पूरा होने के इंतज़ार मे....प्यार के नाते ना सही बस उन साथ बिताये लम्हों को याद कर एक आखिरी बार मिलने चले आते तो अच्छा लगता....एक बार चले आते तो अच्छा लगता।
-Akash Saxena