My Diwali Eventual Poem..!!!
*लोगो ने खरीदा सोना*
*मैने एक 'सुई' खरीद ली*
*सपनों को बुन सकूं*
*उतनी 'डोर’ खरीद ली*
*सबने बदले नोट अपने*
*मैंने अपनी ख्वाहिशे बदल ली*
*'शौक- ए- जिन्दगी' कम करके*
*'सुकून-ए-जिन्दगी' खरीद ली...*
*इस पावन अवसर पर
दिल से एक ही प्रार्थना है..*
*धन बरसे या न बरसे..*
*पर कोई गरीब..*
*दो रोटी के लिए न तरसे..*
*🙏ROOH-The Spiritual Power की
ओर से तह दिल से सभी को
दीपावली की शुभकामनाएँ 🙏🏻*